फरवरी माह में करें इन 10 सब्जियों की खेती, होगा अच्छा मुनाफा

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जानें, फरवरी माह में बोई जाने वाली सब्जियों की किस्में और लाभ

किसानों को अपनी आय में वृद्धि करने के लिए बाज़ार में उत्पन्न मांग के अनुसार ही फसल की खेती करनी चाहिए। इसके लिए किसानों को इस बात की जानकारी होना बेहद जरुरी है की, किस महीने में किस फसल की खेती करनी चाहिए, जिससे वह अच्छा मुनाफा अर्जित कर सके। आज के इस लेख में हम फरवरी माह में बोई जाने वाली ऐसी 10 सब्जियों के बारे में जानकारी प्रदान करने जा रहें हैं, जिनकी खेती करके वह अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। तो आइये जानतें हैं इसके बारे में।

पालक की उन्नत किस्मे और इसकी खेती के लाभ

पालक का सेवन सेहत के लिए काफी लाभप्रद होता है. पालक में प्रचुर मात्रा में आयरन होता है. बाज़ार में पालक की मांग बनी रहती है. पालक की अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों में आल ग्रीन, पूसा हरित, पूसा ज्योति, बनर्जी जॉइंट, जोबनेर ग्रीन आती है. पालक की खेती करके किसान प्रति हेक्टेयर 80 से 90 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं. किसान मंडी के अलावा इसकी सप्लाई रेस्टोरेंट, ढाबों, होटलों पर करके भी अच्छा लाभ कमाया जा सकता है.

खीरा की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

खीरा स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है. इसलिए इसकी डिमांड बाजार में बनी रहती है. खीरे की कई उन्नत किस्में हैं, जिसकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं. इसकी भारतीय किस्मों में पूसा उदय, पूना खीरा, पूसा बरखा, पंजाब सिलेक्शन, स्वर्ण अगेती, स्वर्ण पूर्णिमा, कल्यानपुर मध्यम खीरा एवं कल्यानपुर हरा खीरा आदि किस्मे आदि है. नवीनतम किस्मों में स्वर्ण शीतल, स्वर्ण पूर्णा, एवं पूसा उदय आदि किस्में प्रमुख हैं. किसान अच्छी प्रजाति के बीजों का इस्तेमाल करके प्रति हेक्टेयर 50-60 क्विंटल तक की उपज प्राप्त कर सकते हैं.

लौकी की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

लौकी की खेती करके भी किसान अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं. लौकी की बेहतर पैदावार देने वाली किस्मों में अर्का नूतन, अर्का बहार, अर्का श्रेयस, अर्का नूतन, पूसा नवीन, पूसा हाइब्रिड, काशी बहार, काशी कुंडल, काशी कीर्ति एवं काशी गंगा शामिल है. इसके अलावा किसान लौकी की हाईब्रिड किस्मों का उत्पादन करके भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लौकी की उन्नत किस्में 50-55 दिनों में तैयार हो जाती है. इन किस्मों की औसत उपज 32 से 58 टन प्रति हेक्टेयर प्राप्त की जा सकती है. इसकी एक एकड़ की बुवाई में तक़रीबन 15 से 20 हज़ार रूपए तक की लागत आती है. बाज़ार में अच्छा भाव मिलने पर किसान 80 हज़ार रूपए से लेकर एक लाभ रूपए तक कम सकते हैं.

बैंगन की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

बैंगन की उन्नत किस्मों में पूसा पर्पर लोंग, पूसा पर्पर क्लस्टर, पूसा पर्पर राउंड, पंत रितुराज, पूसा हाईब्रिड-6, पूसा अनमोल आदि शामिल है. इसका एक हेक्टेयर 450 से 500 ग्राम बीज डालने पर अनुमानित 300 से 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक का उत्पादन मिल जाता है.

फूलगोभी की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

फूल गोभी का सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है तथा इसमें प्रोटीन, केल्शियम, विटामिन ए, से एवं निकोटिनिक एसिड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. किसान भाई फूलगोभी की खेती करके अच्छा मुनाफा कम सकते हैं. इसकी अगेती किस्मों में अर्ली, कुंआरी, पूसा दीपाली, समर किंग एवं पछेती किस्मों में पूसा स्नोबाल -1, पूसा स्नोबाल – 2 एवं पूसा स्नोबाल – 16 मानी जाती है.

भिंडी की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

भिन्डी की बाज़ार में मांग बनी रहती है एवं इसकी फसल दो से ढाई महीने में तैयार हो जाती है. इसकी उन्नत किस्मों में परभन क्रांति, पूसा सावनी, पूजा ए-4, अर्का अनामिका, पंजाब-7, पंजाब-13 अच्छी मानी जाती है. भिंडी की खेती से किसान प्रति हेक्टेयर 115-125 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं एवं बाज़ार में दाम अच्छे मिलने पर किसान अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं.

रबी की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

अरबी की उन्नत किस्मों में पंचमुखी, सफ़ेद गौरिया, सहस्त्रमुखी, सी-9, इसके अलावा इंदिरा गाँधी विश्वविध्यालय द्वारा विकसित इंदिरा अरबी -1, नरेन्द्र अरबी – 1 अच्छी पैदावार देने वाली किस्मों में से एक है. इन उन्नत किस्मों की खेती करके किसान प्रति हेक्टेयर 150 से 180 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त कर सकते हैं. यदि बाज़ार में भाव अच्छा मिल जाए तो अरबी से आप प्रति हेक्टेयर 1.5 से 2 लाख रूपए तक की कमाई की जा सकती है.

करेला की उन्नत किस्में और इसकी खेती से लाभ

करेले का सेवन शुगर व डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी अच्छा होता है, इसके अलावा भी करेला के स्वास्थय लाभ बहुत हैं. किसान भाई उन्नत किस्म के बीजों से करेले की खेती करके अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं. इसकी उन्नत किस्मों में पूसा हाईब्रिड 1, पूसा हाईब्रिड 2 काफी अच्छी किस्में मानी जाती है. एक एकड़ में करेले की खेती में अनुमानित कुल लागत 50-60 हज़ार रूपए तक आती है एवं एक एकड़ में 50-60 क्विंटल तक पैदावार की जा सकती है. जिसका भजार भाव तक़रीबन 2 लाख रूपए तक होता है. इस तरह देखा जाए तो करेला की खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

तोरई की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

तोरई के कई स्वास्थ्य लाभ हैं इसलिए इसकी बाज़ार में हमेशा मांग बनी रहती है. इसकी खेती करके किसान काफी अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं. तोरई में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. किस उन्नत किस्मों में पूसा चिकनी, पूसा स्नेह, काशी दिव्या, कल्यानपुर चिकनी, फुले प्रजतका आदि मानी जाती है. इन किस्मों के बीज रोपाई के बाद 70 से 80 दिनों में फल देना शुरू कर देते हैं. यह किस्में 100 से 150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से पैदार देती है.

ककड़ी की उन्नत किस्में और इसकी खेती के लाभ

ककड़ी शरीर में पानी की कमी की पूर्ती करती है एवं इसके अलावा ककड़ी के और भी कई स्वास्थय लाभ है. इसकी उन्नत किस्मों में जैनपुरी ककड़ी, अर्का शीत, पंजाब स्पेशल, दुर्गापुरी ककड़ी, लखनऊ अर्ली आदि है, जो काफी अच्छा उत्पादन देती है. अनुमानित तौर पर ककड़ी की एक हेक्टेयर की खेती से किसान 200-250 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.

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